G20 शिखर सम्मेलन 2023

G20 क्या है?

G20 का पूरा नाम Group of Twenty (ग्रुप ऑफ़ ट्वेन्टी) है | यह दुनिया के 20 बड़ी अर्थव्यवस्थाओ का एक ऐसा अनौपचारिक समूह है, जिसमे अमेरिका, चीन, रूस व् यूरोपियन यूनियन जैसे बड़ी अर्थव्यवस्था शामिल है | यह समूह, देशों को साझा मुद्दों पर विचार-विमर्श करने और आर्थिक सहयोग बढ़ाने का मंच प्रदान करता है।

प्रतिवर्ष इसके सदस्य देशों के वित्त मंत्रियों और केन्द्रीय बैंक के गवर्नर्स के बीच वित्तीय साझेदारियों व् संशोधनों को लेकर बैठके होती है | इनके अलावा भी अन्य क्षेत्र के मंत्रियों, सदस्यों तथा उनके समकक्ष के बीच बैठके आयोजित की जाती है |

इस समूह का कोई स्थायी मुख्यालय (Head Quarter) नहीं है | प्रतिवर्ष संघठन में शामिल किसी एक देश में इसकी बैठके (meetings) रखी जाती | इस वर्ष (01 दिसंबर 2022 – 30 नवंबर 2023) यह मेजबानी भारत के पास है | भारत में इस वर्ष कुल 60 शहरों में 200 से अधिक बैठके होंगी | यह समूह का 18वां सम्मेलन है |

यह समूह, वैश्विक GDP (सकल घरेलु उत्पाद) का लगभग 85% , वैश्विक व्यापर का 75% तथा विश्व की जनसँख्या के 2/3 हिस्से को प्रभावित करता है। G20 का उद्देश्य आर्थिक संघर्षों को हल करना, आर्थिक सुधार को बढ़ावा देना, वित्तीय स्थिरता को सुनिश्चित करना है |

G20 का गठन

G20 का गठन 26 सितम्बर 1999 में हुआ था। जब 1997-1998 में एशिया में आर्थिक मंदी आई थी, तब विश्व के संघठन G7 द्वारा विकसित एवं विकासशील देशों की सहायता से इसका गठन हुआ था| इसके परिणामस्वरूप एशियाई देशों को आर्थिक संकट से उबरने में सहायता मिली |

G20 की मूल समिति का आयोजन 1999 में चर्चित विश्वासी बैंकों के गवर्नरों की एक बैठक के रूप में किया गया था। इसके बाद, 1999 और 2008 के बीच G20 की मुख्य समितियां और उपसमितियां आयोजित हुईं, जिनमें सदस्य देशों के वित्तमंत्रियों, आर्थिक सलाहकारों और अन्य उच्च स्तरीय अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

प्रथम शिखर सम्मेलन 2008 वाशिंगटन डी.सी. में. अमेरिका द्वारा आयोजित किया गया था, ताकि 2008 में आई वैश्विक मंदी के दौर में वित्तीय साझेदारीयों को संशोधित किया जा सके । इस सम्मलेन में अमेरिका ने पहली बार राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित किया |

G20 सदस्य (Members)

G20 के सदस्य देश/अर्थव्यवस्था निम्नलिखित हैं|

1. अर्जेंटीना11. जापान
2. ऑस्ट्रेलिया12. मेक्सिको
3. ब्राज़ील13. रूस
4. कनाडा14. सऊदी अरब
5. चीन15. दक्षिण अफ़्रीका
6. फ़्रांस16. दक्षिण कोरिया
7. जर्मनी17. तुर्की
8. भारत18. यूनाइटेड किंगडम (UK)
9. इंडोनेशिया19. यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ़ अमेरिका
(USA)
10. इटली20. यूरोपीय संघ
(European Union)

इनके अलावा स्पेन, स्थायी ग़ैर-सदस्य के तौर पर सम्मलेन में भाग लेता है|

संरचना

1. सदस्यता

G20 में विश्व के 20 बड़े आर्थिक देश सदस्य होते हैं। इनमें 19 देश और यूरोपीय संघ (यूई) शामिल हैं। सदस्य देशों के संघर्षों और मुद्दों का समाधान करने के लिए वे साझा मंत्रियों और शेरपाओं के माध्यम से समन्वयित रूप से काम करते हैं।

2. अध्यक्षता

इसका अध्यक्ष पद हर वर्ष बदलता रहता है| G20 का अध्यक्षता, राज्यपाल या प्रधानमंत्री के संचालन में होता है और इसे गठबंधन का मेजबान देश संभालता है। अध्यक्ष अपनी क्षेत्रीय और विशेषज्ञ संपर्क समूहों के साथ मिलकर नीतिगत निर्णय लेता है।

3. समिट

यह समिट वर्षभर में एक बार आयोजित की जाती है, जिसमें सदस्य देशों के नेतृत्व वाले प्रतिनिधि एकत्रित होते हैं। समिट में आर्थिक मुद्दों, वित्तीय स्थिरता, वाणिज्यिक नीतियाँ, संगठन के कार्य के माध्यम से ग्लोबल निर्णय लिए जाते हैं। समिट का आयोजन और प्रबंधन अध्यक्ष देश द्वारा किया जाता है।

4. ट्रोइका

प्रतिनिधित्व करने वाला देश अपने से पूर्व व् अगले प्रतिनिधित्व करने वाले देश के साथ मिलकर इस सम्मलेन की रणनीति बनाते है तथा समन्वयन करते है, इन तीनो को मिलाकर ही “ट्रोइका (Troika)” कहते है|

5. कार्य प्रणाली

शेरपा ट्रैक (Sherpa Track)

शेरपा ट्रैक (Sherpa Track) एक प्रक्रिया है जो G20 समिट के मेजबान देश द्वारा अपनाई जाती है। शेरपा ट्रैक का मुख्य उद्देश्य है समिट के पहले संघर्षों और मुद्दों को हल करने के लिए पूर्व तैयारी करना।

शेरपा ट्रैक के दौरान, G20 सदस्य देशों के शेरपा (Sherpa) अर्थात् उच्च स्तरीय अधिकारी एकत्रित होते हैं। शेरपा, देशों के मंत्रियों और प्रतिनिधियों के साथ मिलकर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करते हैं और संगठन की सामरिक, आर्थिक, वाणिज्यिक और ग्लोबल मुद्दों पर समझौता करने की कोशिश करते हैं।

शेरपा ट्रैक के माध्यम से, सदस्य देश विभिन्न मुद्दों पर सहमति प्राप्त करते हैं और इसे समिट में व्यक्त करने के लिए तैयारी करते हैं। शेरपा ट्रैक समिट के आयोजन, तारीखों, विषयों, संगठन और सदस्य देशों के बीच समझौतों की बनावट को सुनिश्चित करने का महत्वपूर्ण कार्य करता है। इसके अलावा, शेरपा ट्रैक नेतृत्व करने का दायित्व भी शेरपा को सौंपा जाता है ताकि वे समिट की प्रक्रिया को संचालित कर सकें।

खेती, भ्रष्टाचार, संस्कृति, डिजिटल अर्थव्यवस्था, आपदा प्रबंधन, शिक्षा, रोजगार , पर्यावरण एवं जलवायु जैसे प्रमुख कार्यक्षेत्र शेरपा ट्रैक के अंतर्गत आते है|

वित्तीय ट्रैक (Financial Track)

वित्तीय ट्रैक (Financial Track) G20 के अंतर्गत एक प्रमुख कार्य समूह है जो वित्तीय मुद्दों पर विचार-विमर्श करता है और संगठन की आर्थिक नीतियों को समन्वयित करने का कार्य करता है। इसका मुख्य उद्देश्य वित्तीय स्थिरता, वित्तीय समुदायों के संगठन, वित्तीय प्रतिस्पर्धा, वित्तीय संकटों का प्रबंधन, वित्तीय पाठशाला आदि विषयों पर सहमति प्राप्त करना है।

वित्तीय ट्रैक के द्वारा G20 सदस्य देश निम्नलिखित कार्यों का परिचालन करते हैं:

  1. वित्तीय संकटों का प्रबंधन: वित्तीय संकटों की समीक्षा, निपटान और उनकी प्रभावी प्रबंधन की योजना बनाना। इसमें आर्थिक संकटों, वित्तीय अस्थायीता, बैंकिंग उत्पादों की निगरानी, बैंकों की सुरक्षा आदि शामिल होती है।
  2. वित्तीय प्रतिस्पर्धा: वित्तीय बाजारों की विश्लेषण, अनुग्रहदाता, निवेशक संरक्षण, पूंजीगत प्रतिस्पर्धा का बढ़ावा देने की पहल। इसमें वित्तीय निवेश, पोर्टफोलियो प्रबंधन, वित्तीय सेवाओं की उपलब्धता, वित्तीय समावेशन, बाजारों की निगरानी आदि शामिल होते हैं।
  3. वित्तीय स्थिरता: वित्तीय बाजारों, बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थाओं की स्थिरता को सुनिश्चित करने की कोशिश। इसमें वित्तीय संस्थाओं की संचालन प्रक्रिया, पुनर्पूंजीकरण, वित्तीय पाठशाला, वित्तीय संरचना आदि पर विचार-विमर्श किया जाता है।
  4. अन्य वित्तीय मुद्दे: वित्तीय प्रदाय, डिजिटल वित्त, प्रभावी कर नीतियाँ, आर्थिक समावेशन, वित्तीय प्राथमिकताएं, वित्तीय न्याय आदि पर विचार-विमर्श करना।

वित्तीय ट्रैक के माध्यम से G20 सदस्य देश आपस में सहमति बनाकर वित्तीय मुद्दों पर सही नीतिगत कार्रवाई निर्धारित करते हैं और वैश्विक आर्थिक संगठन की सुदृढ़ता बढ़ाने का प्रयास करते हैं।

सहभागी समूह (Engagement Groups)

G20 में सहभागी समूह (Engagement Groups) नामक समूह होते हैं। ये समूह G20 के नेतृत्व और सदस्य देशों के बीच संवाद को संभालने और सिविल समाज के साथ साझा मत बनाने के लिए स्थापित किए जाते हैं। एंगेजमेंट ग्रुप्स विभिन्न सामाजिक, आर्थिक, वातावरणिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर नेतृत्व करते हैं और विचार-विमर्श करते हैं।

ये समूह निम्नलिखित होते हैं:

  1. व्यापार एंगेजमेंट ग्रुप (Business20, B20): व्यापार और उद्योग क्षेत्र के प्रतिनिधियों द्वारा गठित होता है और व्यापार के माध्यम से ग्लोबल आर्थिक विकास के लिए सिफारिशें करता है।
  2. नागरिक समाज एंगेजमेंट ग्रुप (Civil20, C20): सामाजिक संगठनों, गैर-सरकारी संगठनों और अन्य सिविल समाज के संगठनों के प्रतिनिधियों द्वारा गठित होता है और सामाजिक मुद्दों पर विचार-विमर्श करता है।
  3. युवा 20 (Youth20, Y20): युवा नेतृत्व के नवीनतम विचारों और मानदंडों को प्रस्तुत करने के लिए युवाओं के द्वारा गठित होता है।
  4. महिला 20 (Women20, W20): महिला संगठनों के नेतृत्व में होता है और महिला सशक्तिकरण और समानता के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करता है।
  5. ट्रेड यूनियन 20 (Trade Union20, TU20): श्रम संगठनों के नेतृत्व में होता है और श्रमिकों और नौकरशाहों के हितों की सुरक्षा और सुरक्षा पर विचार-विमर्श करता है।

इनके अलावा भी कुछ समूह है जैसे Labour20, Science20, Urban20, Parliament20, StartUp20, SAI20.

G20 शिखर सम्मेलन 2023

G20 शिखर सम्मलेन 2023 भारत (India) में होने जा रहा है| यह सम्मलेन 60 शहरों में सम्पन्न होगा, जिसमे 200 से अधिक मीटिंग्स तय है| इसके अलावा मुख्य मीटिंग (वार्ता) 09-10 सितम्बर 2023 को भारत की राजधानी नई दिल्ली में सम्पन्न होगी, जिसमे सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष/प्रतिनिधि भाग लेंगे|

इस शिखर सम्मलेन की थीम है- “वसुधैव कुटुम्बकम्” अर्थात One Earth, One Family, One Future . “वसुधैव कुटुम्बकम्” संस्कृत से लिए गए शब्द है जिसका अर्थ है- “सम्पूर्ण विश्व एक परिवार है”|

यह समूह की 18वीं मीटिंग होगी जबकि 17वीं मीटिंग (2022), बाली (इंडोनेशिया) में हुई थी तथा 19वीं मीटिंग जो कि 2024 में रिओ-डी-जनेरिओ (ब्राज़ील) में होना तय है|

2023 सम्मलेन के प्रमुख उद्देश्य

रूस-युक्रेन युद्ध, जलवायु परिवर्तन, तृतीय विश्व ऋण, भोजन उर्जा की कीमत, नवउपनिवेशवाद से बचाव जैसे मुद्दों को प्रमुख उद्देश्य बनाया गया है| इसके अलावा ग्रीन डेवलपमेंट, सतत विकास, तकनिकी प्रवर्तन, महिला विकास, डिजिटल विकास आदि प्रमुख मुद्दे 2023 में रखे गए है|

गैर-सदस्य देश

2023 में होने जा रहे G20 मीटिंग्स के लिए बांग्लादेश, मॉरिशस, मिस्त्र, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन, संयुक्त अरब अमीरात अतिथि के तौर पर सम्मलेन में उपस्थित रहेंगे|

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